एक कदम अपनों के संग,जीवन के साथ भी जीवन के बाद भी,हम है संग संग।।


सभी देवतुल्य साथियों को सादर प्रणाम,
       साथियों मैं कई शैक्षिक संगठनों में जुड़कर देख चुका था जहा बेसिक से लेकर माध्यमिक तक अधिकतर संगठनों को शिक्षक तो जनता है परंतु समाज के किसी भी व्यक्ति को कुछ भी पता नही होता था और न ही समाज से इनका कोई सरोकार ही था।इन संगठनों के द्वारा दो काम अधिकारियों से मिलकर वेतन कटवाना और जुड़वाना रहा।तथाकथित चमचों और दलालों का बोलबाला रहता रहा जो जितना बड़ा चमचागिरी कर ले उतना बड़ा वह पदाधिकारी बन सकता है,इन सबको देख कर मेरे मन में बड़ी पीड़ा होती थी और समय तथा अपने देवतुल्य साथियों की मांग को देखते हुए हम सबने मिलकर “वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश” नाम से एक संस्था की स्थापना 10 अगस्त 2018 को नीव भरी और 20 अगस्त 2018 को वैधानिक रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुआ।
       साथियों जब व्हाट्सएप नही था तब मैं 11 सिम रखता था पुराने साथियों को पता होगा एक सिम से 100 एस.एम.एस. जाता था तब मैं 1100 मैसेज रात के बारह बजे से पूर्व और 1100 मैसेज रात के बारह बजे के बाद अर्थात कुल 2200 लोगो को मेसेज करके छुट्टी या विद्यालय खुलने की सूचना देता था। रहो सावधान,करो सावधान,,घनघोर बारिश की संभावना इत्यादि स्लोगन से लोगो को सावधान करता,किसी शिक्षक की दुर्घटना होने पर मैसेज के माध्यम से लाखों रुपए एकत्र करके हम सब लोगों की ईमानदारी से मदद करने का कार्य करता रहा और सभी बधाई संदेश निरंतर कई वर्षो तक पूरे जिले के हर विद्यालयों में देता रहा जिसका प्रतिफल यह हुआ कि वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश से जुड़ने वालो की आकांक्षा हृदय से बढ़ती गई और आप सबके सहयोग,प्यार एवम आशीर्वाद से सिर्फ प्रयागराज ही नहीं उत्तर प्रदेश के 70% जनपदों में बट वृक्ष की तरह से अपनी शाखाएं बढ़ाते हुए लोगों के हृदय में वास करता है “विश्वास का दूसरा नाम ज्ञान भैया” और शक्ति पुंज का दूसरा नाम “वैचारिक शिक्षक संघ” बन गया।


साथियों वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश का मुख्य उद्देश्य


1. समाज के नि:शक्त एवम उपेक्षित वर्ग को शिक्षा की मुख्य धारा से जोडना।
2. आर्थिक एवम मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को नि:शुल्क वैचारिक पाठशाला (पार्ट टाइम)।
3. प्रशासनिक एवम अन्य एक दिवसीय,दो दिवसीय प्रतियोगी परीक्षा में किसी भी जनपद से आए हुए प्रतिभागियों को नि:शुल्क आवास एवम भोजन की सुविधा प्रयागराज में संस्था के संरक्षक श्रीमती सुनीता सिंह के आवास/संस्था के प्रांतीय कार्यालय में की गई है।
4. वैचारिक परिवार के संकट के समय वित्तीय आपात कोष की परिकल्पना।
5. निर्बल निराश्रितों को नि:शुल्क कंबल वितरण,फल दान,वस्त्र दान,रक्त दान,शिक्षा दान करना।
6. शिक्षकों,निराश्रितों की आकस्मिक दुर्घटना/बीमारी होने पर रक्त दान एवम आर्थिक मदद करना।
7. शिक्षकों एवम संस्था से जुड़े लोगों के सम्मान हेतु दृढ़ संकल्पित।
8. ग्लोबल वार्मिंग के दृष्टिगत बृहद वृक्षारोपण एवम स्वच्छता अभियान ।
9. समाज एवम राष्ट हित में सदैव सरकार के साथ मिलकर कार्य करना।
10.वैश्विक बीमारी,राष्टीय आपात काल में देशहित को ध्यान में रखते हुए सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग देना संस्था से जुड़े हर साथी का नैतिक दायित्व है।।


 मेरे प्यारे मित्रों संस्था के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विगत पांच वर्ष में कई बार स्वच्छता अभियान,झुग्गी झोपड़ियों में जाकर असहाय निराश्रित्तो को कंबल वितरण,वस्त्र दान,फल दान,जैसे कार्य वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश नाम संस्था निरंतर करती आ रही है।

प्रत्येक वर्ष 151उत्कृष्ट शिक्षको को सम्मानित करना,ब्लॉक स्तरीय,जनपद एवम राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता,पुरुष शिक्षको के साथ राज्य स्तरीय महिला शिक्षिकाओं का क्रिकेट प्रतियोगिता,बैडमिंटन प्रतियोगिता,बालीबाल प्रतियोगिता,टी एल एम मेला,टी एल एम प्रतियोगिता,कहानी सुनाओ प्रतियोगिता,51उत्कृष्ट दिव्यांग शिक्षकों को सम्मानित करने का काम,मकर सक्रांति जैसे पर्व पर दिव्यांग बच्चों के साथ उनको भोजन/नाश्ता करना और कराना,21उत्कृष्ट चिकित्सकों का सम्मान समारोह,25 उत्कृष्ट अधिवक्ताओं का सम्मान समारोह,कई नर्सिंग होम में फोन करके लोगो के इलाज में 20 से 30 प्रतिशत धनराशि कम कराना,सिंगल यूज प्लास्टिक बंद करो आंदोलन 20 किलोमीटर यात्रा,नाटक प्रस्तुति,सरकार की कई गलत नीतियों जैसे नई पेंशन नीति,प्रेरणा एप का विरोध,मशाल जुलूस,बार्डर पर शहीदों की शहादत पर दीप प्रज्वलन, शिक्षकों के हित के लिए प्रयागराज से चलकर लखनऊ और दिल्ली तक हर आंदोलन में पूरी ऊर्जा के साथ टीम उपस्थित रही। साथियों यह सब कार्य मेरे क्रांति कारी साथियों के मदद से संभव हुआ है जिसमे किसी पदाधिकारी के अलावा किसी भी अन्य साथियों से चंदा अभी तक नही लिया गया है।

     साथियों सभी कार्यक्रमों में जनपद ही नही प्रदेश के लोकप्रिय जनप्रतिनिधि,विधायक,ब्लॉक प्रमुख,जिला पंचायत अध्यक्ष,सांसद,मंत्री,कैबिनेट मंत्री उच्च अधिकारी से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारी,प्रोफेसर,चिकित्सक,अधिवक्ता,प्रवक्ता,शिक्षक,आम जनता उपस्थित रहे।
आप सबके आशीर्वाद का प्रतिफल है कि प्रयागराज के टॉप 20 चिकित्सक संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ.ज्ञान प्रकाश सिंह के फोन कर देने पर लाइन नही लगनी पड़ती है और फीस भी नही लेना चाहते है।मित्रो जिसके घर छोटे से लेकर बड़े अधिकारी,विधायक मंत्री,आमजन और शिक्षक से लेकर प्रोफेसर,डायरेक्टर तक जाते हो फिर भी उसको कोई घमंड नहीं जो आम आदमी से लेकर सफाईकर्मी,बाबू,शिक्षामित्र को भी उतना ही सम्मान करता हो जितना किसी प्रवक्ता और प्रोफेसर का उसका नाम है ज्ञान भैया।


        साथियों पूरा जनपद ही नही प्रदेश के अधिकतर साथियों को पता है कि किसी भी साथी को किसी भी समय किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत हो चाहे रात के दो ही बजे हो “ज्ञान भैया” को फोन करो मदद हो जाएंगी।स्मरण रखे रात में यदि साले या बहनोई को भी फोन करेंगे तो वह भी उठाने से कतराएंगा परंतु ज्ञान भैया के पास बेहिचक फोन कर सकते है, ”हेल्प का दूसरा नाम ज्ञान भैया”।। प्रयागराज के 98% महिला शिक्षिकाओ 85%शिक्षको का सबसे करीबी कोई है तो वह है “ज्ञान भैया”,सबकी जुबां पर ज्ञान भैया,”जो जाति,वर्ग,रंग,धर्म भेद से परे होकर सबकी मदद करे उसका नाम है “ज्ञान भैया”।। नि:शुल्क सेवा और अटूट विश्वास का दूसरा नाम “ज्ञान भैया”।
       मेरे प्यारे मित्रो वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश नामक संस्था अपने अधिकतर प्रमुख उद्देश्यों पर निरंतर कार्य कर रही है परंतु उपरोक्त 6 नंबर के उद्देश्य की जो संस्था के रजिस्ट्रेशन से ही प्रकल्पित है उक्त परिकल्पना के संकल्प का अब समय आ गया है, चुकि मेरे मन की पीड़ा तभी शांत होगी जब मैं अपने संस्था से जुड़े लोगो के चेहरे पर मुस्कान ला सकूं।
       आज भागदौड़ के दौर में बहुत दुर्घटनाएं हो रही है और हम सब पारिवारिक खर्च,बच्चो की फीस,होम लोन के आर्थिक बोझ तले दबे होने के कारण अपना समय से इलाज नहीं करा पाते है इसलिए वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश टीम द्वारा सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया कि हम सब 20 रुपए से लेकर 100 रुपए दान देकर अपने संस्था से जुड़े साथियों का एक लाख से एक करोड़ तक आर्थिक मदद के साथ जीवन सुरक्षित कर सकते है और वैचारिक परिवार के चेहरे पर असली मुस्कान ही हमारी पूंजी है।
                                  साथियों 20 अगस्त 2018 को वैचारिक क्रांति की मशाल जो जलाई गई वह अब 26 जनवरी 2024 सबके चेहरे पर मुस्कान लाने का संविधान लागू कर नया इतिहास लिखने जा रहा है,

आप सभी देवतुल्य साथियों के सहयोग और प्यार आशीर्वाद का आकांक्षी ,,,,

डॉ.ज्ञान प्रकाश सिंह
प्रांतीय अध्यक्ष,
वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश